अघोरी बाबा वशीकरण मंत्र तांत्रिक साधना

अघोरी बाबा वशीकरण मंत्र तांत्रिक साधना

अघोरी बाबा वशीकरण मंत्र तांत्रिक साधना- इससे पहले की हम अघोरी वशीकरण के उपाय आपको बताए, कुछ रोशीनी इनसे जुड़े तथ्यों पर डालते है। दरअसल अघोरपंथ का मार्ग अपना चुके साधक या यू कहे की अघोरपंथी साधक को ही हम अघोरी कहते है। जिनकी साधना करने का अपना तरीका व विधि होती है। उनके बारे मे हम आपको ये भी बताते है की वो सिर्फ गाये का मांस छोड़कर हर किसी दूसरी चीज़ का भक्षण करते है। इनकी साधना करने का तरीका सबसे अलग होता है। अघोरियों की पूरी दुनिया ही आम लोगों के लिए काफी रहस्यमयी होती है। जिससे जानने की इच्छा आम लोगों मे काफी होती है। यही नहीं अघोरी लोगों अपनी साधना को करने के लिए शमशान को उचित मानते है। शमशान जहां आम लोगों जाने से भी संकोच करते है। इनका मानना है की शमशान मे साधना करने से इन्हे जल्द परिणाम मिलते है और ये लोग इसी जगह वास करना भी पसंद करते है।

अघोरी बाबा वशीकरण मंत्र तांत्रिक साधना
अघोरी बाबा वशीकरण मंत्र तांत्रिक साधना

भगवान शिव को अघोरपंथ की प्रेणना के रूप मे माना जाता है क्यूकी उन्होने ही खुद अघोरपंत को प्रतिपादित किया था। हम अघोरियों की स्थिति देख कई बार विचलित होते है या बेहद अजीब खयाल दिमाग मे घूमने लगते है। वो लोग अपने शरीर पर चिता की भस्म से लेप करते है, जो एक आम आदमी के लिए अजीब बात है। चिता भस्म के लेप के अलावा चिताग्नि पर भोजन बनाने से लेकर नर मुंडों की माला पहने भी इन्हे देखा जा सकता है। श्‍मशान साधना, शिव साधना व शव साधना- ये तीन ऐसी साधना है जिनहे ये अघोरी आम तौर पर करते है। जोकि अक्सर तारापीठ के श्‍मशान, कामाख्या पीठ के श्‍मशान, त्र्यम्‍बकेश्वर और उज्जैन के चक्रतीर्थ के श्‍मशान में किया जाता है।

अघोरियों के बारे मे इतनी सारी बातों बताने के अलावा, हम आपको अघोरी बाबा वशीकरण मंत्र, अघोर वशीकरण साधना व अघोरी तांत्रिक विद्या से जुड़ी कुछ अन्य बाते भी बताते है। सबसे पहले अगर अघोर वशीकरण साधना की बात की जाये तो देखा गया है की लोग अक्सर उस चीज़ को अपने वश मे करने की कोशिश करते है, जिनसे वो बहुत प्रेम करते है, ये रिश्ता कोई भी हो सकता है। इसके अलावा कोई खास चीज़ जिसे आप दिलो-जान से पाना चाहते हो, पर उसपर आपका कोई नियंत्रण नहीं होता। तब कई बार इंसान वशीकरण विद्या का सहारा लेता है। चलिये तो हम आपको एक ऐसा ही मंत्र बताते है – ।। ॐ नमो आदेश भैरवाय,काली के पुत आवे आवे चिंते चिंताये,कार्य सिद्ध् करावे,दुहाइ काली माइ की ।। 21 बार इस मंत्र का जाप करने  से पहले जरूरी है की आप एक नया काले मट्टी का बना मटका ले और उसमे शमशान की बभुती डाल दे। बभुत के ऊपर कपुर की टिकिया रख दे। फिर मंत्र जाप के बाद उस मटके मे काली मिर्ची के कुछ दाने व लौंग डाल दे। इसके बाद जिसको वश मे करना है, एक सफ़ेद कागज़ पर उसका नाम काली स्याही से लिख दे। फिर काले कपड़े से मटके के मुह को बंद कर दे और मटके के सामने मिठे तेल का दीया जलाकर वशिकरण मंत्र का 11 माला जाप करे। फिर मटके को शमशान मे एक गड्डा खोदकर दबा दे। माला रुद्राक्ष या काले हकिक की इस्तेमाल करे और आपका आसन काले रंग का हो। दक्षिण दिशा मे ये होना चाहीये, जिसे आप अमवस्या के दिन ही करे। ऐसा करने से आप किसी पर भी वशीकरण कर सकते है।

हम आपको एक और अघोरी मंत्र बताते है, जोकि है – “आडू देश से चला अघोरी , हाथ लिये मुर्दे की झोली , खड़ा होए बुलाय लाव , सोता हो जागे लाव , तुझे अपने गुरु अपनों की दुहाई ,, बाबा मनसा राम की दुहाई । इस मंत्र का जाप आप मंगलवार या शनिवार मे से किसी भी दिन कर सकते है। कृष्णपक्ष को रात के समय काले या लाल रंग का आसान बिछाकर उसपर बैठकर नित्य ही 11 माला का जप करे। अपने सामने एक मिट्टी के कुलहड़ में देसी शराब , श्वेत फूलो की माला , मिठाई -नमकीन आदि रख ले और गूगल की धुप और कडुवे तेल का गिरी हुए बत्ती का दीपक जलाए। जब मंत्र जाप पूरा हो जाये तब सारी सामग्री किसी चौराहे पर या पीपल के पेड के नीचे चुपचाप रख दे और हाथ-पैर धोकर सो जाये। वहा 7वे दिन मत जाए।

इसके बाद वहा किसी अघोरी की आत्मा आकार सामग्री न देने का कारण पूछेगी। यहा ना आपको घबराने की जरूरत है ना जवाब देने की। बस पिछले दिन की बची सामग्री उन्हे दे दे। ना कोई सवाल करे-ना कोई जवाब दे। अब जप के पश्चात् की सामग्री को फिर से चौराहे पर या पीपल के पेड के नीचे रख आये। इस  साधना को 11 दिनों तक करने के बाद, 11वे दिन अघोरी की आत्मा आएगी और सौम्य भाषा में आपसे बात करेगी। यही आत्मा साधक की इच्छा को पूर्ण करती है।  आप जब भी किसी कुल्हड़ में देसी शराब और नमकीन -मिठाई को अघोरी के नाम से अर्पित करते है तब तो सामने आकार साधक की समस्या का हल निकालती है।

एक दूसरा वशीकरण मंत्र है शिवे वश्ये हुं वश्ये अमुक वश्ये हुं वश्ये शिवे वश्ये वश्य्मे वश्य्मे फट! – इस मंत्र को स्टील या लोहे की थाली पर काजल से उंगली के माध्यम से लिख दिया जाता है। फिर थाली मे उस इंसान के किसी वस्त्र का एक टुकड़ा रखकर, सिंदूर से उस इंसान का नाम टुकड़े पर लिख दिया जाता है। फिर उस व्यक्ति की तस्वीर को भगवान शिव की तस्वीर के सामने रख कर, 51 बार ऊपर बताए मंत्र का जाप करना होता है। जोकि रुद्राक्ष या काली हकीक की माला से होता है। मंत्र मे आप अमुक शब्द की जगह उस व्यक्ति का नाम उच्चारित करे। ऐसा करने से आप उसे अपने वश मे कर पाएंगे।
ऊपर बताई गई बाते, तमाम मंत्र व वशीकरण साधना के अलावा भी कुछ और ऐसी बाते अघोरियों के जीवन से जुड़ी है, जिनहे यकीनन आप जानना चाहेंगे। ये तो हम सब ने ही देखा होगा की अधिकतर ये अघोरी लोग अपनी एक अलग दुनिया मे रहते है। ऊपरी स्वभाव से अघोरी चाहे जीतने विचित्र लगे या कितने भी कठोर दिखे, माना जाता है की अंदर से ये लोग दूसरों व देश-समाज के लिए कल्याणकरी सोच रखते है। ये भी मान्यता है की अगर ये किसी इंसान पर मेहरबान हो जाये तो अपनी सिद्धि से किसिका कल्याण करते हुए सुभ फल भी देते है।

 

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